Delhi Riots: दिल्ली के रौज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के तत्कालीन कानून मंत्री कपिल मिश्रा के कथित भूमिका की और जांच करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को यह भी निर्देश दिया कि वे तब के DCP वेद प्रकाश सूर्या से यह पूछें कि 23 फरवरी 2020 को कपिल मिश्रा उस इलाके में कहां थे और उनके बीच क्या हुआ था। यह आदेश मोहम्मद इलियास द्वारा दायर की गई याचिका पर दिया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि कपिल मिश्रा और उनके सहयोगियों ने करदमपुरी रोड पर मुसलमानों और दलितों की गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया था।
कोर्ट ने क्या कहा?
अदालत के आदेश में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरेसिया ने कहा कि “सिर्फ पहले घटना से जुड़े आरोपों पर कपिल मिश्रा और उनके सहयोगियों के खिलाफ जांच की जाए।” इसके अलावा कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर जानकारी झूठी पाई जाती है, तो दिल्ली पुलिस के पास आईपीसी की धारा 182 (जमानत पर झूठी जानकारी देने) के तहत शिकायतकर्ता के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार होगा। कोर्ट ने DCP उत्तर-पूर्व से यह आदेश संबंधित पुलिस स्टेशन को भेजने का भी निर्देश दिया।

कपिल मिश्रा के बयान पर कोर्ट का दृष्टिकोण
कोर्ट ने कपिल मिश्रा के बयान पर भी टिप्पणी की। मिश्रा ने अपनी पूछताछ के दौरान हिंदी में कहा था, “मैंने DCP साहब से कहा कि हम अब जा रहे हैं, आप सड़क खोलिए, नहीं तो हम भी सड़क खोलने के लिए धरना देंगे।” कोर्ट ने इस बयान को केवल एक निवेदन नहीं, बल्कि एक “अल्टीमेटम” माना। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर शिकायतकर्ता का आरोप सही पाया जाता है, तो यह स्पष्ट होता है कि DCP वेद प्रकाश सूर्या कुछ जानते थे जो अदालत को नहीं पता था।
DCP वेद प्रकाश सूर्या का परिचय
वेद प्रकाश सूर्या एक आईपीएस अधिकारी हैं, जो AGMUT (अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और संघ शासित प्रदेश) कैडर से हैं। उन्होंने 2009 में आईपीएस सेवा में प्रवेश किया और वर्तमान में वे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) में उप पुलिस अधीक्षक के पद पर हैं। वे पहले दिल्ली के उत्तर-पूर्व जिला में DCP के रूप में कार्यरत थे और सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान एक वायरल वीडियो में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा के साथ दिखाई दिए थे। उत्तर-पूर्व दंगों के एक साल बाद उन्हें दिल्ली के उत्तर-पूर्व जिले से राष्ट्रपति भवन में स्थानांतरित कर दिया गया था।
रौज एवेन्यू कोर्ट का यह आदेश एक महत्वपूर्ण मोड़ पर आया है, जिसमें दिल्ली पुलिस को कपिल मिश्रा और अन्य आरोपियों के खिलाफ उचित जांच करने की जिम्मेदारी दी गई है। इस मामले में DCP वेद प्रकाश सूर्या की भूमिका की भी जांच होगी, जो यह तय करेगी कि क्या यह घटनाएं और बयान अपने आप में एक गंभीर अपराध को जन्म देते हैं या नहीं।