UP Politics: समाजवादी पार्टी (SP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तीखा हमला बोला है। अखिलेश ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ‘तीसमार खान’ कहकर उनकी आलोचना की और कई गंभीर आरोप लगाए। इसके अलावा, अखिलेश ने बीजेपी पर झूठ फैलाने और समाज में नफरत फैलाने का आरोप भी लगाया।
अखिलेश यादव का हमला: ‘तेसमार खान’ की उपमा
अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर जमकर हमला करते हुए कहा कि,
“हमारे मुख्यमंत्री तो तीसमार खान हैं। उन्हें 30 बहुत पसंद है। कितना मरा (महाकुंभ में)? 30… कितनी कमाई हुई? 30 करोड़?”
यह टिप्पणी अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ की सरकार के कार्यों पर सवाल उठाते हुए की। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि योगी आदित्यनाथ की सरकार ने महाकुंभ के दौरान 30 करोड़ रुपये के व्यापार को लेकर किसी तरह की पारदर्शिता नहीं दिखाई और इसे अपने लाभ के लिए इस्तेमाल किया।
सम्भल में मस्जिद ढकने पर अखिलेश का बयान
सम्भल में मस्जिद को ढकने को लेकर उठे विवाद पर अखिलेश ने कहा,
“इसका जवाब है – ये एक तिहरी गठबंधन है जो काम को बिगाड़ रहा है, आप देखिए कौन सा तिहरा गठबंधन है।”
अखिलेश ने इसे एक साजिश बताया और कहा कि यह गठबंधन सिर्फ समाज में दुराव पैदा करने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर ऐसे विवाद खड़े कर रही है, जो समाज को बांटने का काम करते हैं।
केटकी सिंह के बयान पर अखिलेश का प्रतिक्रिया
अखिलेश यादव ने बांसीदह विधायक केटकी सिंह के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी। केटकी सिंह ने कुछ दिनों पहले एक बयान दिया था, जिसे लेकर अखिलेश ने कहा,
“बयान दिए जाते हैं ताकि कई चीजों को ढका जा सके, सरकार को यह बताना चाहिए कि जब प्रयागराज में युवाओं को रोजगार मिलेगा?”
अखिलेश यादव ने स्पष्ट तौर पर आरोप लगाया कि इस तरह के बयान सिर्फ जनता का ध्यान भटकाने के लिए दिए जा रहे हैं, जबकि असल मुद्दे जैसे रोजगार, अपराध और महंगाई पर सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही।

बीजेपी पर झूठ फैलाने और नफरत फैलाने का आरोप
अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि,
“बीजेपी से बढ़कर कोई पार्टी झूठ और फरेब नहीं फैलाती है।”
उन्होंने कहा कि बीजेपी वर्तमान में मुसलमान समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने का काम कर रही है और भविष्य में PDA परिवार के खिलाफ भी नफरत फैलाने की कोशिश करेगी। अखिलेश का यह बयान बीजेपी द्वारा समाज में सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने के आरोपों के संदर्भ में आया है।
अखिलेश ने कहा,
“मेरे जाने के बाद मंदिर को धोया गया, फिर हम सब मिलकर होली मनाएंगे। बीजेपी जानबूझकर समाज में नफरत फैला रही है, समाज में कोई दूरी कैसे हो सकती है?”
अखिलेश ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि पार्टी समाज को बांटने का काम कर रही है और इसने मुस्लिम समुदाय को परेशान करने की साजिश रची है। उन्होंने कहा कि नफरत फैलाने का कोई भी अधिकार किसी को नहीं हो सकता है और न ही किसी के विश्वास पर एकाधिकार हो सकता है।
देश को कमजोर कर रही है बीजेपी सरकार
अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि,
“बीजेपी ने देश को कमजोर कर दिया है। देश की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को कमजोर कर दिया है।”
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि बीजेपी की सरकार के कारण अपराध, लूटपाट और हत्या की घटनाएँ लगातार बढ़ रही हैं। पुलिस ने अपने कर्तव्यों को छोड़ दिया है और भ्रष्टाचार में लिप्त हो गई है। अखिलेश ने कहा कि,
“आज बेरोजगारी है, महंगाई है, और इन समस्याओं से बचने के लिए बीजेपी ऐसे बयान देती है और दूसरे मुद्दों को हवा देती है।”
अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी सरकार के समय में सरकार और प्रशासन के बीच कोई समन्वय नहीं है और हर जगह अराजकता फैल रही है।
अखिलेश यादव का समाजवाद का संदेश
अखिलेश ने बीजेपी पर हमला करते हुए यह भी कहा कि समाजवाद और इंसानियत की रक्षा के लिए समाजवादी पार्टी हमेशा खड़ी रहेगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी के झूठे वादों और नफरत की राजनीति को समाजवादी पार्टी कभी स्वीकार नहीं करेगी। समाजवादी पार्टी हमेशा संविधान, धर्मनिरपेक्षता और समाजवादी विचारधारा को बढ़ावा देती रहेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि,
“हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण यह है कि समाज में भाईचारा बना रहे और सबको समान अधिकार मिलें। समाजवादी पार्टी इस दिशा में काम करती रहेगी और गरीब, पिछड़े और हाशिए पर पड़े लोगों की आवाज उठाती रहेगी।”
अखिलेश यादव का यह बयान उत्तर प्रदेश की राजनीतिक स्थिति और बीजेपी के खिलाफ उनके लगातार हमलों को स्पष्ट करता है। उन्होंने योगी आदित्यनाथ और बीजेपी के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए, जिनमें मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाने, बेरोजगारी, महंगाई और पुलिस के भ्रष्टाचार के मुद्दे शामिल हैं। उन्होंने बीजेपी की राजनीति को झूठी और समाज को बांटने वाली बताया, जबकि समाजवादी पार्टी के लिए समाज की एकता और समानता सर्वोपरि है।
यह बयान उत्तर प्रदेश में आगामी चुनावों से पहले अखिलेश यादव की सख्त रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जिसमें वे बीजेपी को कटघरे में खड़ा करने का प्रयास कर रहे हैं।