ग्लोबल इन्वेस्टमेंट बैंक Goldman Sachs ने अपनी नई रिपोर्ट में भारतीय शेयर बाजार के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले समय में बाजार में उतार-चढ़ाव रह सकता है, लेकिन 2024 के सितंबर के उच्चतम स्तर की तुलना में बाजार के मूल्यांकन में काफी गिरावट आ चुकी है। Goldman Sachs ने भारत में उभरते बाजारों (EM) पर ‘मार्केटवेट’ बने रहने की सलाह दी है और गुणवत्ता वाले विकास और अच्छे मुनाफे वाले स्टॉक्स पर ध्यान केंद्रित करने को कहा है।
Goldman Sachs के 10 पसंदीदा स्टॉक्स
Goldman Sachs ने उन 10 स्टॉक्स की सूची जारी की है जो अगले 12 महीनों में 23 प्रतिशत तक रिटर्न दे सकते हैं। इनमें निम्नलिखित प्रमुख कंपनियाँ शामिल हैं:
- HDFC Bank (Target: 2,090) – RBI के लिक्विडिटी उपायों से फायदा।
- AU Small Finance Bank (Target: 796) – बेहतर विकास और जमा फ्रैंचाइज़ी पर ध्यान केंद्रित।
- Titan (Target: 3,900) – मार्जिन में गिरावट रुकने की उम्मीद।
- Adani Ports (Target: 1,400) – बेहतर मूल्यांकन और विकास दृष्टिकोण।
- IndiGo (Target: 5,050) – दुनिया की सबसे मजबूत एयरलाइंस में से एक।
- M&M (Target: 3,800) – SUV सेगमेंट में तेज़ विकास।
- Apollo Hospitals (Target: 8,025) – स्वास्थ्य क्षेत्र में स्थिर मांग।
- Power Grid (Target: 375) – ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट्स से बड़ा लाभार्थी।
Goldman Sachs की रिपोर्ट में क्या कहा गया?
Goldman Sachs ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मिड-कैप और स्मॉल-कैप स्टॉक्स में अभी भी जोखिम है। खासकर घरेलू निवेशकों का इन सेगमेंट्स में ज्यादा निवेश है, जिससे बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ सकता है। इसके अलावा, यूएस टैरिफ और वैश्विक अर्थव्यवस्था के बारे में चिंताएँ भी बाजार पर असर डाल सकती हैं।

हालांकि, Goldman Sachs का मानना है कि आर्थिक वृद्धि और आय में गिरावट का सबसे बुरा दौर अब पीछे छूट चुका है।
Nifty 50 में 10 प्रतिशत गिरावट
Nifty 50 ने सितंबर 2024 के उच्चतम स्तर से 10 प्रतिशत की गिरावट देखी है। इसका कारण धीमी आर्थिक वृद्धि और विभिन्न क्षेत्रों में मूल्यांकन गुणांक में गिरावट है। FY26 EPS (प्रति शेयर आय) उम्मीदों में 7 प्रतिशत की कमी आई है।
आर्थिक मंदी अस्थायी है, संरचनात्मक नहीं
Goldman Sachs का मानना है कि भारत में आर्थिक मंदी स्थायी नहीं है, बल्कि अस्थायी है। इसका कारण क्रेडिट नियमन, RBI की सतर्क मौद्रिक नीति और राजकोषीय कड़ेपन को बताया गया है। हालांकि, Goldman Sachs के अनुसार, 2025 के दूसरे भाग में भारत की GDP वृद्धि 6.4 प्रतिशत रहने की संभावना है, जो संघीय बजट में कर राहत और RBI की ब्याज दर में कटौती के कारण हो सकता है।
भारत के बाजार में सुधार की संभावना
Goldman Sachs का मानना है कि भारत के आर्थिक विकास की गति अभी धीमी जरूर हो सकती है, लेकिन यह केवल एक चक्रीय (cyclical) मंदी है। चक्रीय मंदी का मतलब है कि यह एक समय के बाद खत्म हो जाएगी और फिर से तेज़ी का दौर शुरू हो सकता है। इसलिए, निवेशकों को धैर्य बनाए रखते हुए अच्छी गुणवत्ता वाले शेयरों में निवेश करने की सलाह दी गई है।
Goldman Sachs की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि भारत के बाजार में अभी भी उतार-चढ़ाव रहेगा, लेकिन बाजार का मूल्यांकन अब पहले से बेहतर स्थिति में है। उन्होंने HDFC बैंक, Titan, Adani Ports जैसे कंपनियों के स्टॉक्स में निवेश की सलाह दी है, जो अगले कुछ महीनों में अच्छा रिटर्न दे सकते हैं। इसके साथ ही, निवेशकों को मिड और स्मॉल-कैप स्टॉक्स से भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है, क्योंकि इनमें जोखिम अधिक हो सकता है।
Goldman Sachs की यह रिपोर्ट भारतीय बाजारों के लिए एक सकारात्मक संकेत है, जिससे निवेशकों को अपनी रणनीतियों को फिर से देखना और समझदारी से निवेश करना महत्वपूर्ण हो गया है।