Bank Strike: भारत में लंबे समय से बैंक कर्मचारियों की मांग रही है कि उन्हें सप्ताह में पांच दिन (सोमवार से शुक्रवार) काम करने का अधिकार मिले। इस मांग को लेकर यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) ने 24 और 25 मार्च को देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। वर्तमान में बैंक सप्ताह में छह दिन काम करते हैं, जिससे कर्मचारी संतुष्ट नहीं हैं।
काम और जीवन में संतुलन जरूरी
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) और इंडियन बैंक एसोसिएशन (IBA) के बीच पांच दिन काम सप्ताह समेत अन्य मांगों को लेकर हुई वार्ता विफल हो गई। इसके बाद बैंक कर्मचारियों ने 24 और 25 मार्च को हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है। बैंक यूनियन का कहना है कि काम और जीवन में संतुलन बनाए रखना बहुत जरूरी है, इसलिए वे सप्ताह में पांच दिन काम करने की मांग कर रहे हैं।
क्यों उठ रही है पांच दिन काम की मांग?
बैंक कर्मचारियों का मानना है कि छह दिन काम करने से उन्हें अपने लिए या परिवार के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाता है। इससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। उनका कहना है कि यदि सप्ताह में केवल पांच दिन काम किया जाए, तो कर्मचारी अधिक उत्पादक (प्रोडक्टिव) होंगे और उनकी कार्यक्षमता में सुधार होगा। साथ ही, तनाव और थकान भी कम होगी, जिससे कार्यस्थल का माहौल बेहतर बनेगा। बैंक यूनियनों ने तर्क दिया है कि दुनिया के अधिकांश देशों में बैंक सप्ताह में पांच दिन ही काम करते हैं।

यूनियन की अन्य मांगें
बैंक यूनियनों की पांच दिन काम सप्ताह की मांग के अलावा अन्य मांगें भी हैं, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
- सभी कैडर में पर्याप्त भर्ती: यूनियन की मांग है कि सभी कैडर में पर्याप्त भर्ती हो, जिससे काम का बोझ कम हो सके।
- परफॉर्मेंस आधारित मूल्यांकन हटाने की मांग: बैंक कर्मचारी परफॉर्मेंस बेस्ड अप्रेजल और इंसेंटिव स्कीम को हटाने की मांग कर रहे हैं।
- अस्थायी कर्मचारियों का नियमितीकरण: यूनियन का कहना है कि बैंक में कार्यरत अस्थायी कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
- बैंक कर्मचारियों की सुरक्षा: बैंक कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की जा रही है।
- पीएसबी में वर्कर या ऑफिसर डायरेक्टर्स की नियुक्ति: यूनियन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) में श्रमिक या अधिकारी निदेशकों की नियुक्ति की मांग कर रही है।
- ग्रेच्युटी एक्ट में संशोधन: यूनियन ग्रेच्युटी एक्ट में संशोधन कर इसकी अधिकतम सीमा को 25 लाख रुपये तक बढ़ाने की मांग कर रही है।
बैंक कर्मचारियों का कहना है कि पांच दिन काम सप्ताह की मांग पूरी होने से उनकी कार्यक्षमता में सुधार होगा, वे अधिक ऊर्जावान रहेंगे और काम के प्रति अधिक समर्पित रहेंगे। साथ ही, अन्य मांगें पूरी होने से उनके काम का बोझ कम होगा और वे मानसिक रूप से स्वस्थ रहेंगे। बैंक यूनियन का यह प्रदर्शन उनके अधिकारों और बेहतर कार्य वातावरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।