Shashi Tharoor: हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव प्रक्रिया में बदलाव का आदेश दिया है। उन्होंने भारत के वोटिंग सिस्टम की सराहना करते हुए कहा कि वह भारत जैसे सिस्टम को अपनाना चाहते हैं। ट्रंप का कहना था कि भारत का वोटिंग सिस्टम बहुत ही सटीक और विश्वसनीय है, और इसे अमेरिका में लागू किया जा सकता है।
Shashi Tharoor का बयान: भारत का वोटिंग सिस्टम है सबसे मजबूत
इस मामले पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। थरूर ने कहा कि भारत का वोटर वेरिफिकेशन सिस्टम 1952 से मजबूत और विश्वसनीय है। उन्होंने बताया कि भारत में एक सिंगल लिस्ट, पहचान पत्र और पूरे सिस्टम के जरिए वोटर की नागरिकता की पुष्टि की जाती है, जो आज भी चलता आ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत का सिस्टम वैश्विक स्तर पर सम्मानित है और अमेरिका को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए।

भारत का वोटिंग सिस्टम क्यों है प्रेरणादायक?
भारत में वोटिंग के दौरान वोटर आईडी कार्ड या अन्य सरकारी दस्तावेज़ों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि वोट देने वाला व्यक्ति सही नागरिक है। साथ ही, भारत में मतदान के रिकॉर्ड इलेक्ट्रॉनिक और पेपर ट्रेल दोनों तरह से रखे जाते हैं, जिससे मतदान प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी हो गई है। यही कारण है कि भारत का सिस्टम अब अमेरिका के लिए एक आदर्श बन गया है।
अमेरिका में नागरिकता प्रमाणपत्र की आवश्यकता
अब अमेरिकी चुनावों में भाग लेने के लिए नागरिकता का प्रमाण देना अनिवार्य होगा। इस आदेश के तहत, अमेरिकी नागरिकों को वोटिंग के लिए रजिस्ट्रेशन करते वक्त नागरिकता के दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होंगे, जिनमें पासपोर्ट भी शामिल हो सकता है। इसके अलावा, अमेरिका के विभिन्न सरकारी विभाग जैसे होमलैंड सिक्योरिटी, सोशल सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन और विदेश मंत्रालय चुनाव अधिकारियों के साथ डेटा साझा करेंगे, जिससे चुनावी सूचियों में गैर-अमेरिकियों की पहचान की जा सके।