Successful test launch of INS Surat: जम्मू और कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले के बीच भारत ने समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है। भारतीय नौसेना के नवीनतम स्वदेशी गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर, INS Surat ने समुद्र में सफलतापूर्वक एक लक्ष्य को भेदा है। यह उपलब्धि भारतीय नौसेना की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए एक अहम कदम है। इस सफलता से भारतीय नौसेना की स्वदेशी युद्धपोत डिजाइन, विकास और संचालन में बढ़ती क्षमता का भी पता चलता है और यह आत्मनिर्भरता की ओर भारत के कदमों को और भी मजबूत करता है।
INS Surat की ताकत और स्वदेशी रक्षा प्रणाली
INS Surat मिसाइल हमले की स्थिति में अपने आप दुश्मन के मिसाइलों की पहचान कर उसे हवा या पानी में ही नष्ट करने में सक्षम है। इस तरह की ताकत से भारत की समुद्री सीमा को और भी मजबूत किया जा रहा है, क्योंकि भारत की अधिकांश सीमा समुद्र से सटी हुई है। इस लिहाज से यह उपलब्धि और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। नौसेना ने INS Surat की सफल परीक्षण की वीडियो भी साझा की है, जिसमें यह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि भारत की रक्षा क्षमताओं में कितनी वृद्धि हुई है। भारतीय नौसेना ने इस वीडियो के साथ यह भी लिखा कि यह मील का पत्थर भारत की समुद्री हितों की रक्षा के लिए हमारी प्रतिबद्धता और आत्मनिर्भर भारत की ओर एक और कदम है।
पाकिस्तान द्वारा मिसाइल परीक्षण और भारत की सतर्कता
इस बीच, पाकिस्तान भी मिसाइल परीक्षण कर रहा है। रक्षा सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान ने 24-25 अप्रैल को कराची के पास अपने विशेष आर्थिक क्षेत्र में एक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण करने का नोटिफिकेशन जारी किया है। सूत्रों के मुताबिक, भारतीय एजेंसियां इस पूरे घटनाक्रम पर बारीकी से निगरानी रख रही हैं। पाकिस्तान की ओर से यह मिसाइल परीक्षण तब हो रहा है जब भारत ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है और कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं।
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ पांच अहम कदम उठाए
पहलगाम आतंकवादी हमले में पाकिस्तान-समर्थित आतंकवादियों के शामिल होने के कारण भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ पांच अहम फैसले लिए हैं। भारत ने पाकिस्तान के सभी नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया है और इसके साथ ही अटारी सीमा को बंद कर दिया है। भारत ने सिंधु जल समझौता भी रद्द कर दिया है और पाकिस्तान के नागरिकों के वीजा भी रद्द कर दिए हैं। इसके अलावा, भारतीय उच्चायोग में काम कर रहे पाकिस्तानी कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 कर दी गई है और अगले सात दिनों के भीतर अतिरिक्त अधिकारियों को भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। इन फैसलों से साफ संकेत मिलता है कि भारत अपने सुरक्षा हितों को लेकर गंभीर है और आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपना रहा है।