Triphala को आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण औषधि माना जाता है, जो तीन फलों – आंवला, हरड़ और बहेड़ा के मिश्रण से बनती है। यह औषधि अपनी विविध स्वास्थ्यवर्धक खूबियों के लिए जानी जाती है और प्राचीन काल से कई बीमारियों के उपचार में इस्तेमाल की जाती है। खासतौर पर पाचन तंत्र की समस्याओं, जैसे कब्ज में यह बेहद असरदार है। Triphala आंतों को साफ करता है और पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है। शोध में पाया गया कि कब्ज से परेशान लोगों को दो हफ्ते तक Triphala सेवन के बाद काफी राहत मिली।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की अगस्त 2017 की रिपोर्ट के अनुसार, Triphala में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। यह संक्रमण से लड़ने में कारगर साबित होता है और व्यक्ति को स्वस्थ बनाए रखता है। Triphala का उपयोग आंखों की रोशनी बढ़ाने और नेत्र रोगों के इलाज में भी किया जाता है। नियमित रूप से Triphala पानी से आंखें धोने से नजर तेज होती है और जलन में राहत मिलती है।

बाल झड़ने में करेगा मदद
Triphala का सेवन त्वचा को निखारने और बालों के झड़ने की समस्या को कम करने में भी कारगर माना जाता है। यह रक्त को शुद्ध करता है, जिससे त्वचा का रंग निखरता है और बालों की जड़ें मजबूत होती हैं। इससे बाल घने और मजबूत बनते हैं। इसके अलावा, Triphala मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और शरीर में चर्बी घटाने में मदद करता है। इसका नियमित सेवन भूख को नियंत्रित करता है और पाचन सुधारता है, जिससे वजन संतुलित रहता है।
प्राचीन काल से हो रहा है उपयोग
Triphala का उपयोग प्राचीन काल से किया जा रहा है और आधुनिक शोध भी इसके फायदों को साबित करते हैं। एक अध्ययन में यह पाया गया कि Triphala में एंटी-कैंसर गुण हो सकते हैं, जो ट्यूमर सेल्स की वृद्धि को रोकने में मदद करते हैं। इसके नियमित सेवन से शरीर को कई बीमारियों से बचाने में मदद मिलती है।